Wednesday, 11 July 2012

Kinjal - For A Friend

तेज़ सी रोशिनी चेहरे में समाई हुई,.
जैसे चश्मे से कोई पढाई की मूरत, देख रही
 ऐसी थी सुंदरता और कर्तब कथक था तेरा नक्षीकाम
पर दिल में तेरी सचाई बसी,
और मासुमियत आज भी तेरा साथ निभा रही है।

खुशहाल मुस्कान,.किंजल  जिसका नाम,
दुसरे लड़कियों से आगे बने जिसने अलग अपनी पहचान।
कला की थी वो कदरदान,
भरतनाट्यम सिख उन्नत की संस्कृति जय भारत,
अब करती है वो विद्या दान
बढ़ा रही है भारतीय संस्कृति की शान।

मुजुमदार थे, दीवान खाने में बैठे ज़मीनों का हिसाब चख लिया करते थे,
पर नाता पड़ा जोशी से इनका
अब लोगों के भविष्य सफाया करते है,
या फिर जोशी मुजुमदार बने सब्बों लूट लेते है।

पर एक अच्छे दोस्त सी - दोस्ती आप  निभाती,
दोस्तों के सुन्हेरे  रंग में खूब घुल मिल जाती।
मज़े में रहना, यु ही खुशमिजाज रहना -
येही दुआ है हमारी -
सदा बढाओ जीवन में आगे तुम कदम -
एक झापट  पड़ेगी अगर भूल कर भी भूल गयी
सारे दोस्त और दोस्तों के शहंशाह -  हम।

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